रेलवे में जीरो कार्बन उत्सर्जन के लिए अमेरिका से करार

भारतीय रेलवे ने अगले सात वर्षों के भीतर शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक इंजन एवं हाइड्रो फ्यूल के साथ-साथ सभी रूटों पर बिजली से ट्रेनों के संचालन पर काम किया जा रहा है।

समय से पहले लक्ष्य पूरा करने के लिए रेलवे ने अमेरिका की एक एजेंसी से करार किया है। उधर, शिक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक करने पर सहमत होने के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं जो बाइडन के निर्णय का स्वागत किया है।

जानें समझौते में क्या कहा गया

भारतीय रेलवे एवं यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के समझौते में कहा गया है कि शून्य कार्बन उत्सर्जन के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए भारतीय रेलवे में कई उपाय किए जा रहे हैं। एमओयू पर रेलवे बोर्ड सदस्य नवीन गुलाटी एवं एजेंसी की उप प्रशासक इसबेल कोलमैन ने हस्ताक्षर किए।

भारतीय रेलवे को दी जाएगी तकनीकी सहायता

अमेरिकी सरकार की यह एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और कृषि-व्यापार के क्षेत्र में सहयोग देकर मिशन के उद्देश्यों को पूरा करती है। करार के तहत भारतीय रेलवे को तकनीकी सहायता एवं समर्थन दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय भारत-अमेरिका संबंधों की स्थापना के लिए काम करेगा। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलाजी (आईसीईटी) पर दोनों देशों की पहल से साझेदारी के एक नए युग की शुरुआत हुई है। इससे नतीजों में तेजी आ सकती है।

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